मात्र उम्र 20 वह और मैं औरंगाबाद में रहता हूं। मेरे पड़ोस में आशा नाम की औरत रहते हैं। वो बहुत सेक्सी है. मैं उसको रूज देखता हूं और सोचता हूं कि कब उसकी चुदाई करूं। आशा का रोज़ हमारे घर आना जाना था। मैं आशा को भाभी कह के बुलाता था। . जब मैं आशा को देखता था तो मेरा लंड तन जाता था। आशा के घर में वो और उसका पति रहता था। एक दिन आशा का पति 1 सप्ताह के लिए दिल्ली ऑफिस में काम करने वाला था। तो मेरी मां ने मुझे कहा कि पड़ोस में रहने वाली भाभी के पति थोड़े दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं वह और तू वहां जा कर रहने वाला है क्योंकि आशा भाभी को अकेली बहुत डर लगता था. जैसे ही आशा भाभी के पति गए तो मैं उनके घर चला गया। जैसे ही घर पे गया और दरवाजे की घंटी बजाई तो आशा भाभी ने दरवाजा खोला क्या और कहा साजन आप आ गए क्या मैंने कहा हा भाभी मैं आ गया और हम अंदर चले गए और मैं टी वी देखने लगा। भाभी ने कहा कि मुझे थोड़ा काम चाहिए तुम टी वी देखो और मैं अपना काम खत्म कर के आती हूं। थोड़ी देर बाद आशा भाभी काम ख़त्म कर के मेरे साथ टी वी देखने बैठ गई और हम दोनों बातें करने लगे। मेरे आदमी में बार 2 यही ख्याल आ रहा था कि कब आशा भाभी की चुदाई करूँ। रात को हम खाना खा के सोने चले गए पर मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैं टीवी देखने लगा रात को 12 बजे डिस्क वाले ने ब्लू फिल्म लगाई तो मैं वो देखने लगा और आशा भाभी सो रही थी।
फिल्म के सीन देख कर मेरा लंड तन गया और मैंने मुंह मरने लगा मेरे लंड का साइज 7″ है। रात को एकदुम से आशा भाभी की नींद खुल गई और टीवी वाले रूम में आई तो मुझे मुंह मारते हुए देख लिया और टीवी पर ब्लू फिल्म को भी . मैं डर गया और चुप चाप नहा गया, मेरे पैंट खुली हुई थी। आशा भाभी बोलीं कि तुम क्या कर रहे हो मैं कुछ नहीं बोल रहा हूं और चुप चाप बैठ रहा हूं। आशा भाभी मेरे लंड को देख रही हैं. आशा भाभी मेरे पास आयी और मेरे लंड को पकड़ केर बोली कि कितना मोटा लंड वह इतना तो मेरे पति का भी नहीं। ये देख केर मेरी हिम्मत बड़ी और कहने लगा भाभी ये लंड आपके लिए है। आशा भाभी मेरी तरफ आई और मुझे किस करने लगी और मैं भी उनका साथ देने लगा। लंड को कस कर पकारे हुए वो अपना हाथ लंड के जार तक ले गई जिसका सुपारा बाहर आ गया। सुपारे का साइज और आकार देख कर वो बहुत परेशान हो गए। “बाबा कहां छुपा रखा था इतने दिन” उन्होंने पूछा। मैने कहा, “एहेन तो था तुम्हारे सामने लेकिन तुमने ध्यान नहीं दिया। भाभी बोले, “मुझे क्या पता था कि तुम्हारा इतना बड़ा होगा।” मुझे उनकी बिंदास बोले पर उपदेश हुआ जब उन्हें “लौरा” कहा गया और साथ ही मुझे बारा मजा आया। वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खींच रही थी और कस कर दबा रही थी। फिर भाभी ने अपना पेटीकोट अपने कमर के ऊपर उठा लिया और मेरे तने हुए लंड को अपनी जांघों के बीच ले कर रगड़ने लगी। वो मेरी तरफ कर्बत ले कर लेट गई मेरे लंड को ठीक तरह से पाकर। उनकी चूंची मेरे मुंह के बिल्कुल पास थी और मैं उन्हें कस कस कर दबा रहा था।
अचानक उन्हें अपनी एक चुनची मेरे मुँह में ठेले हुए कहा, “चूसो इनको मुँह में लेकर।” मैंने इनकी बाईं ओर चुना अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा। थोरे देर के लिए मैंने उनकी चूंची को मुंह से निकाला और बोला, “माई हमेंशा तुम्हारे ब्लाउज में कैसी चूंची को दिखता था और हेयरन होता था। इनको चुनने की बहुत इच्छा होती थी थे और दिल करता था कि इन्हें मुंह में लेकर चूसूं और इनका रस पीऊं। पर डरता था पता नहीं तुम क्या सोचो और कहो मुझसे नाराज़ ना हो जाओ। तुम नहीं जानती भाभी कि तुमने मुझे और मेरे लंड को कितना परेशान किया है?” “अच्छा तो आज अपनी तमन्ना पूरी कर लो, जी भर कर दबाओ, चूसो और भूल जाओ; माई तो आज पूरी की पूरी तुम्हारी हुन जैसा चाहे वैसा ही करो” भाभी ने कहा। फिर क्या था, भाभी की हरी झंडी पाकर मैं भाभी की चूंची पर आ गया। मेरी जीव उनके निपल्स को महसुस कर रही है। मैने अपनी जीव भाभी के उठे हुए करे निपल पर घुमाया। मैंने दोनों अनारों को कस के पकारे हुए था और बारी बारी से उन्हें चूस रहा था। माई ऐस कास कर चूंचियों को दबा रहा था जैसे कि उनका पूरा का पूरा रस निचोर लूंगा। भाभी भी पूरा साथ दे रही थीं. उनके मुँह से “ओह! ओह! आह! सीई, सीई! की आवाज निकल रही है. मुझसे पूरी तरफ से साते हुए वो मेरे लंड को बुरी तरह से मसल रहे थे और मार रहे थे। अन्होने अपनी लेफ्ट टैंग को मेरे कघ के ऊपर चारा दिया और मेरे लंड को अपनी जब्घो के बीच रख लिया। मुझे उनकी जंग के बीच एक मुलायम रेशमी एहसास हुआ। एह उनकी चूत तुम्हें. भाभी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और मेरे लंड का सुपारा उनकी झांटों में घूम रहा था। मेरा सब्र का बंद टूट रहा था। माई भाभी से बोला, “भाभी मुझे कुछ हो रहा है और मैं अपने आप में नहीं हूं, प्लीज मुझे बताओ मैं क्या करूं?” भाभी बोले, “आज तक तुमने कभी किसी को चोदा है?” मैने बोला, “नहीं।” कितने दुख की बात है. कोई भी लरकी इसे देख कर कैसे मन कर सकता है। शादी तक ऐसा ही रहने का इरादा है क्या? माई क्या बोलता. मेरे मुंह में कोई शब्द नहीं था. माई चुपचाप उनके चेहरे को देखते हुए मसलता रहा। उन्हें अपना मुंह मेरे मुंह से बिल्कुल सता दिया और फुसफुसा कर बोला, “अपनी भाभी को चोदोगे?’”का का क्यों नहीं” मैंने बड़ी मुश्किल से कहा पाया। मेरा अच्छा लग रहा था. वो नंगे पागल अंदाज़ में मुस्कुरा दी और मेरे लंड को आज़ाद करते हुए बोले, “ठीक है, लगता है अपने अनाड़ी देवर राजा को मुझे ही सब कुछ सिखाएगा। पर गुरु दक्षिणा शुद्ध मन से देना।
चलो अपनी चढ़ी उतार कर पूरे नंगे हो जाओ।” माई पलंग पर से उतर गया और अपना अंडरवियर उतार दिया। माई अपने तने ही हुए लंड को लेकर नंग धरंग अपनी भाभी के सामने खरा था। भाभी अपने रसीली होठों को अपने दांतों में दबा कर देखती रही और अपने प्रिटकोट का नारा कींच कर धेला कर दिया। “तुम भी इसे उतार कर नंगी हो जाओ” कहते हुए मैंने उनका पेटीकोट को खींचा। भाभी अपने चूतर ऊपर कर दिया जिसका पेटीकोट उनका टैंगो उतार कर अलग हो गया। भाभी अब पूरी तरह नंगी हो कर मेरे सामने चित परी हुई थी। भाभी ने अपनी टैंगो को फेला दिया और मुझे रेशमी झांटो के जंगल के बीच छुपी हुए उनकी रसीली गुलाबी चूत का नजारा देखने को मिला। नाइट लैंप की हल्की रोशनी में चमकते हुए नगे जिस्म को देखकर मैं उत्साहित हो गया और मेरा लंड मारे खुशी के झूमने लगा। भाभी ने अब मुझसे अपने ऊपर चरण को कहा। माई टुरेंट अनके ऊपर लेट गया और उनकी चूंची को दबते हुए उनको रसीले होंट चूसने लगा। भाभी ने भी मुझे कास कर अपने आलिंगन में कास कर जाकर लिया और चुम्मा का जवाब देते हुए मेरे मुंह में अपना जीव ठेल दिया। है क्या स्वादिस्ट और रसीले जीव तुम। माई भी उनके जीव को जोर शोर से चूसने लगा। हमारा चुम्मा पहले प्यार के साथ हल्के में था और फिर शुद्ध जोश के साथ। कुछ देर तक तो हम ऐसे ही चिपक रहे, फिर मैंने अपनी भाभी की नाज़ुक गैलन पर रगर रगर कर चुमने लगा।
फिर भाभी ने मेरी पीठ पर से हाथ ऊपर ला कर मेरा सर पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ ठेला। माई अपने होंथ उनके होंटो से उनकी थोड़ी पर लाया और कंधों को चुमता हुआ चुन्ची पर पहुंचा। माई एक बार फिर उनकी चूंची को मसलता हुआ और खेलता हुआ काटने और चूसने लगा। उन्हें बदन के नीचे से निकल लिया और हमारी टांगें एक-दूसरे से दूर हो गईं। अपने दिन हाथ से वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी मुट्ठी में बंद कर सहलाने लगी और अपने बाएं हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी टांगो के बीच ले गई। जैसा ही मेरा हाथ उनकी चूत पर पहुंचा उन्हें अपनी चूत के दाने को ऊपर से रगड़ दिया। समझदार को इशारा काफी था. माई उनके चूंचे को चूसा हुआ उनकी चूत को रागाने लगा। “बाबा अपनी उंगली अंदर डालो ना?” कहती हुई भाभी ने मेरी उंगली अपनी चूत के मुँह पर दबा दिया। मैंने अपनी उंगली उनकी चूत के दरार में घुसा दिया और वो पूरी तरह अंदर चली गई। जैसे जैसे मैंने उनकी चूत के अंदर मुआइना करते हुए मेरा मजा बढ़ता गया। जैसे ही मेरा उंगली उनके छूत के दाने से टकराया अन्होने जोर से सिस्कारी ले कर अपनी जांघो को कस कर बंद कर लिया और चूत उठा कर मेरे हाथ को चोदने लगी।
उनकी चूत से पानी बह रहा था। थोरी देर तक ऐसा ही मजा लेने के बाद मैंने अपनी उंगली उनकी चूत से बाहर निकाल लिया और सीधा हो कर उनको ऊपर लेट गया। भाभी ने अपनी टांग फेला दी और मेरे लंड को पकड़ कर सुपारा चूत के मुँह पर रख लिया। उनकी झांटों का स्पर्श मुझे पागल बना रहा था, फिर भाभी ने हमसे बोले, “अब अपना लौरा मेरी बुर में घुसाओ, प्यार से घुसना नहीं तो मुझे दर्द होगा, आह्ह्ह्ह!” माई कायन्की नौसिखिया था इसलिए शुरू शुरू में मुझे अपना लंड उनका टाइट चूत में घुसाने में काफी परेशान करता है। माई जब जोर लगा कर लंड अन्दर घुसना चाहा तो उन्हें दर्द भी हुआ। लेकिन पहले से उंगली से चुदवा कर उनकी चूत काफी गिली हो गई थी। भाभी भी हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थीं और अरस्ता मिलते ही मेरा एक ही धक्के में सुपारा अंदर चला गया। इसे पहले की भाभी संभाले या आसन बदले, मैंने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड मक्खन जैसी चूत की जन्नत में दखल हो गया। भाभी चिल्लाई, “उइइइइइइइइइइइइइइइइ माआआआ उहुहुह्ह्ह्ह ओह बाबा, ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नहीं, हाय! बड़ा जालिम है तुम्हारा लंड. मर ही डाला मुझे तुमने देवर राजा।” भाभे को काफी दर्द हो रहा है।
पहेली बार जो इतना मोटा और लम्बा लंड उनकी बुर में घुसा था। माई अपना लंड उनकी चूत में घुसा कर चुप चाप पर था। भाभी की चूत फट रही थी और अंदर ही अंदर मेरे लौड़े को मसल रही थी। उनकी उठी उठी चूंचियां काफी तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने हाथ बरहा कर दोनों चुन्ची को पाकर लिया और मुंह में लेकर चूसने लगा। भाभी को कुछ राहत मिली और उन्हें कमर हिलानी शुरू कर दी। भाभी मुझसे बोले, “बाबा शुरू करो, चोदो मुझे। लेलो मजा जवानी का मेरे रज्जज्जा,” और अपनी गांड हिलाने लगी। माई तहरा अनारी. समझ नहीं आया कि कैसे शुरू करूं। पहले अपना कमर ऊपर किया तो लंड छूट से बाहर आ गया। फिर जब नीचे किया तो ठीक निशाने पर नहीं बैठा और भाभी की चूत को रगड़ा हुआ नीचे फिसल कर गांड में फंस गया। मैंने दो तीन धक्के लगाए पर लंड चूत में वापस जाने के बाद वापस गांड में चला जाता। भाभी से रहा नहीं गया और तिलमिला कर तना देती हुई बोले, “अनारी का चोदना और चूत का सत्यनाश, अरे मेरे भोले राजा जरा ठीक से निशाना लगा कर ठेलो नहीं तो चूत के ऊपर लौरा रगर रगर कर झर जाओगे।” माई बोला, “भाभी अपने इस अनाड़ी देवर को कुछ सिखाओ, जिंदगी भर तुम्हें गुरु मानूंगा और लंड की दक्षिणा दूंगा।”
भाभी लुंबी बिना लेती हुई बोली, “हां बाबा, मुझे ही कुछ करना होगा नहीं तो देवरानी आकर पूछेगी कि तुम्हें कुछ नहीं सिखाया।” मेरा हाथ अपनी चूंची पर से हटा और मेरे लंड पर रखी हुई बोले, “इसे पाकर कर मेरी चूत के मुंह पर रखो और लगाओ धक्का जोर से।” मैंने वैसे ही किया और मेरा लंड उनकी चूत को छेड़ा हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया। फिर भाभी बोले, “अब लंड को बाहर निकालो, लेकिन पूरा नहीं।” सुपारा अन्दर ही रहने देना और फिर दोबारा पूरा लंड अन्दर पेल देना, बस इसी तरह से करते रहो।” मैंने वैसे ही करना शुरू किया और मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत में अंदर बाहर होने लगा। फिर भाभी ने स्पीड बढ़ा दी। मैंने अपनी स्पीड बरहा दी औए ताज़ा से लंड अंदर-बाहर करने लगा। भाभी को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से कमर उठा कर हर शॉट का जवाब देने लगी। लेकिन ज्यादा स्पीड होने से बार बार मेरा लंड बाहर निकल जाता है। इससे चुदाई का सिलसिला टूट जाता है. आख़िर भाभी से रहा नहीं गया और करवा ले कर मुझे अपने ऊपर से उतार दिया और मुझको चित लेटा कर मेरे ऊपर चार गयी।
अपनी जांघो को फेला कर बगल कर के अपने गद्दार चुतर रख कर बैठ गए। उनकी चूत मेरे लंड पर थी और हाथ मेरी कमर को पकारे हुए थे और बोले, “मैं देखती हूं कि कैसे चोदते हैं,” और मेरे ऊपर लेट कर धक्का लगाया। मेरा लंड घप से चूत के अंदर घुस गया। भाभी ने अपनी रसीली चुन्ची मेरी चाटी पर रगड़ते हुए अपने गुलाबी होंठ मेरे होंठ पर रख दिया और मेरे मुंह में जीव ठेल दिया। फिर भाभी ने मजे से कमर हिला हिला कर शॉट लगाना शुरू किया। बारे में कास कर शॉट लगा रही थी मेरी प्यारी भाभी. चूत मेरे लंड को अपने में समाए हुए तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी। मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत पाऊँगा। अब स्थिति उलटी हो गई। भाभी मानो मर्द थे जो अपनी माशुका को कस कस कर चोद रहा था। जैसे जैसी भाभी की मस्ती बढ़ रही थी, उनके शॉट भी तेज़ होते जा रहे थे। अब भाभी मेरे ऊपर मेरे कंधों को पकड़ कर लार घुटने के बल बैठ गई और जोर जोर से कमर हिला कर लंड को तेजी से अंदर-बाहर लेने लगी। उनका सारा बदन हिल रहा था और सांसे तेज़ तेज़ चल रहे थे। भाभी की चूंची तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी। मुझसे रहा नहीं गया और हाथ बरहा कर दोनों चुन्ची को पाकर लिया और जोर जोर से मसलने लगा। भाभी एक साधे हुए खिलाड़ी की तरह काम अपने हाथों में लिए हुए यही और कस कस कर शॉट लगा रहे थे।
जैसे जैसे वो झरने के करीब आ रहे थे उनकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी। कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी। जब उनकी सांस फूल गई तो खुद नीचे आकर मुझे अपना ऊपर खींच लिया और टैंगो को फेला कर ऊपर उठा लिया और बोले, “माई थक गई मेरे रज्जज्जा, अब तुम मोर्चा संभालो।”माई झट उनकी जांघों के बीच बैठ गया और निशाना लगा कर। झटके से लंड अंदर डाल दिया और उनके ऊपर लेट कर दनादन शॉट लगाने लगा। भाभी ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे चोद लिया और जोर जोर से चुतर उठा-उठा कर चुदाई में साथ देने लगी। माई भी अब उतना अनाड़ी नहीं रह रहा और उनकी चूंचियों को मसलते हुए थका-थका शॉट लगा रहा था। कमरा हमारी चुदाई की आवाज से भरा हुआ था। भाभी अपनी कमर हिलाकर चुतर उठा-उठा कर चुद रही थीं और बोले जा रही थीं, “अहह आआह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह हाआआं हाआआई मीईरे रज्जज्जजा, माआआआर गयययये रीईईई, लल्लल्लल्ला चूऊओद रे चूऊओओद। उइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ माआआ, फाआआआअत गाआआआययीई रीईईई आआआज तो मेरी चूत। मीईएरा तो डुउउम निक्कक्कल तुउउउउने भी आआआज। बरआआआ जाआआआआआआआआआआआआलीम हाआएरे तुउउम्हाआआरा लौरा, एकदुउउम महीईन मस्स्स्सला पीईईस्स दियाय्यया रीईईईई।” मैं भी बोल रहा था, “लीईईई मेरीइइ रानीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई। बरआआआ तरपय्यय्या है तूनीईई मुझीईई। लीईई लीई, लीई मेरीइइइ भाभीइइ ये लंड अब्ब्ब्ब्ब तेराआआ हाईईई है। अह्ह्ह्ह! उह्ह्हह्ह्ह्ह क्या जन्नत का मजा आआआआआआआआआआआआअ ट्यूनीईई।
माई तो तेराआआ गुलाम होउउउ गआआआ।”भाभी गांड उछल कर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी और मैं भी शुद्ध जोश के साथ उमकी चूंचियों को मसल मसल कर अपनी भाभी को चोद जा रहा था। भाभी मुझको ललकार कर कहती है, लगाओ शॉट मेरे राजा”, और मेरा जवाब देता है, “ये ले मेरी रानी, ले ले अपनीचूत में”। “जरा और जोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत में मेरे राजा”, “ये ले मेरी रानी, ये लंड तो तेरे लिए ही है।” “देखो रज्जज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दिवानी हो गई, और जोर से और जोर से आआऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईरे रज्जज्जज्जा। माई गईईईईईईई, “कहते हुए मेरी भाभी ने मुझको कस कर अपनी बाहों में जाकर लिया और उनकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा चोर दिया। अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैंने बोला, “मैं भी आया मेरी जान,” और मैंने भी अपने लंड का पानी चोर दिया और मैं हफ्ते भर उनकी चूंची पर सिर रख कर चिपक कर लेट गया। ये मेरी पहली चुदाई थी. इसलिए मुझे काफी थकन महसुस हो रही थी। माई भाभी के साइन पर सारा रख कर सो गया। भाभी भी एक हाथ से मेरे सर को धीरे धीरे से सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी।
कुछ देर बाद होश आया तो मैंने भाभी के रसेले होठों के चुम्बन लेकर उन्हें जगाया। भाभी ने करवाकर मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और मुझे अपनी बाहों में कस कर फुसा कर बोली, “बाबा तुमने तो कमाल कर दिया, क्या गजब का ताकत है तुम्हारे लंड में।” मैंने कहा, “कमाल तो अपना कर दिया है भाभी, आज तक तो मुझे मालूम ही नहीं था कि अपने लंड को इस्तिमाल कैसे करना है। ये तो आपकी मेहरबानी है जो आज मेरे लंड को आपकी चूत की सेवा करने का मौका मिला।” अब तक मेरा लंड उनकी चूत के बाहर झांटो के जंगल में रगड़ मर रहा था। भाभी ने अपनी मुलायम हथेलियों में मेरा लंड पकड़ कर सहलाना शुरू किया। उनकी उंगली मेरे अंडों से खेल रही थी। उनकी नाज़ुक उंगलियों के स्पर्श पाकर मेरा लंड भी जग गया और एक अंगराई लेकर भाभी की चूत पर ठोकर मारने लगा। भाभी ने मेरे लंड को कैद कर लिया और बोली, “बहुत जान तुम्हारे लंड में, देखो फिर से फेरने लगा, अब मैं इसको चोदूंगी।” हम दोनों अगल बगल लेते हुए थे. भाभी ने मुझको धोखा दे दिया, और मेरी टांग पर अपनी टांग जोर से चरा कर लंड को हाथ से उमेठने लगी। साथ ही साथ भाभी अपनी कमर हिलाते हुए अपनी झांट और चूत मेरी जांघ पर रगड़ने लगी।
उनकी चूत पिछली चुदाई से पहले गिली थी और उसका स्पर्श मुझे पागल बना दिए थे। अब मुझसे रहा नहीं गया और करवा लेकर भाभी की तरफ मुंह करके जाने दिया गया। उनकी चूंची को मुंह में दबा कर चूसते हुए अपनी उंगली चूत में घुसा कर सहलाने लगा। भाभी एक सिस्कारी लेकर मुझसे कस कर चिपक गयी और जोर जोर से लमर हिलाते हुए मेरी उंगली से चुदवाने लगी। अपने हाथ से मेरे लंड को कस कर जोर जोर से मुँह मार रहे थे। मेरा लंड शुद्ध जोश में आकर लोहे की तरह मजबूत हो गया था। अब भाभी को बेताबी हद से ज्यादा बढ़ गई थी, आप और कुछ सोच कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखती हुई बोले, “आओ मेरे राजा, दूसरा राउंड हो जाये। “मैंने झट कमर उठा कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जार तक धंस गया। भाभी चिल्ला उठीं और बोले, “जियो मेरे राजा, क्या शॉट मारा। अब मेरे सिखाये हुए तरीके से शॉट पर शॉट मारो और फिर दो मेरी चूत को।”
भाभी का आदेश पा-कर मैं दुने जोश में आ गया और उनकी चूंचियों को पकड़ कर हुमच हुमच कर भाभी की चूत में लंड पेलने लगा। उंगली की चुदाई से भाभी की चूत गिली हो गई थी, आपका लंड सटासट अंदर-बाहर हो रहा था। भाभी नीचे से कमर उठा कर हर शॉट का जवाब पूरे जोश के साथ दे रही थीं। भाभी और मैंने ऐसे ही सात दिन तक चुदाई की और बहुत मजे किये
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