Husband’s small cock पति का छोटा सा लंड

मेरे प्यारे ठरकी दोस्तों, मैं अपनी ज़िंदगी की कहानी सुनाने जा रही हूँ। इस Hindi Sex kahani में मेरा पति है पर उसका लंड बहुत ही छोटा है, मैं तृप्त नही हो पाती थी। पर मेरी किस्मत अच्छी थी की मेरे देवर के साथ ऐसा नहीं था। जानिए कैसे एक परिवार ने एक दुसरे को ‘खुश’ रखा।

मेरा नाम जोया अली है। मैं अठाईस साल की हूँ और दिखने में खूबसूरत और सैक्सी हूँ। दो साल पहले की बात है मैं एक मल्टीनेश्नल कंपनी में काम करती थी। उसी मल्टीनेश्नल कंपनी में अमित जोशी भी काम करने के लिये आये। मैं उनसे सीनियर थी। अमित बेहद हैंडसम और खुशमिज़ाज़थे। जब से उन्होंने ऑफिस जॉयन किया था तब से ही मैं दिल ही दिल उन पर मर मिटी। मेरी तब तक शादी नहीं हुई थी। धीरे-धीरे हम दोनों में गहरी दोस्ती हो गयी और फिर हमारी दोस्ती मोहब्बत में बदल गयी।

मेरे घर वाले हमारे रिश्ते के खिलाफ थे क्योंकि अमित हिन्दू थे और मैं मुसलमान| फिर घरवालों की रज़ामंदी के बगैर ही दो महीने के बाद हम दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली।

अमित का एक छोटा भाई भी था, जतिन। वो अमित से सात साल छोटा था और उसकी उम्र बीस साल की थी और मेरी उम्र छब्बीस साल की थी। अमित जतिन को बेहद मानते थे। जतिन अमित से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी। वो बेहद शरारती भी था। हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मज़ाक करते थे। मुझे उसका हंसी मज़ाक करना बेहद अच्छा लगता था। अमित भी हम दोनों को देख कर बेहद खुश रहते थे। शादी के बाद अमित ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी। अब मैं घर पर ही रहने लगी। जतिन बी-ए फाइनल में पढ़ रहा था।

अमित से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गयी। अमित ने शादी के वक्त पंद्रह दिनों की छुट्टी ले ली थी और घर पर ही रहते थे। सुहागरात के दिन जब मैंने अमित का लंड देखा तो मेरे सारे ख्वाब टूट कर बिखर गये। उनका लंड महज़ तीन इंच लम्बा और बेहद पतला था। उन्होंने जब पहली-पहली दफा अपना लंड मेरी चूत में घुसाया तो मेरे मुँह से सिर्फ एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चूत के अंदर समा गया। उन्होंनें बड़ी मुश्किल से पाँच मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गये। मैं उदास रहने लगी। लेकिन इससे मेरी मोहब्बत में ज़रा भी कमी नहीं आयी और मैं उनसे दिल-ओ-जान से मोहब्बत करती थी।

पंद्रह दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा, “जतिन की बहुत देर तक सोने की आदत है। उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना!” मेरी जवानी तरस रही थी

मैंने कहा, “ठीक है!” अमित चले गये।

उनके जाने के बाद मैं जतिन को जगाने उसके रूम में गयी। मैंने जतिन को जगाया तो वो उठ गया। मैंने जतिन से कहा, “जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी तब तुम्हे कौन जगाता था?”

वो बोला, “भैया जगाते थे!”

जतिन फ़्रेश होने चला गया और मैं उसके लिये नाश्ता बनाने चली गयी। नाश्ता करने के बाद जतिन कॉलेज चला गया। अमित नौ बजे ऑफिस चले जाते थे और जतिन दस बजे कॉलेज चला जाता था। जतिन कॉलेज से तीन बजे वापस आ जाता था जब कि अमित रात के सात बजे तक वापस आते थे। अगले दिन अमित के ऑफिस चले जाने के बाद मैं जतिन को जगाने गयी। जैसे ही मैं जतिन के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं। जतिन गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था। उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था। उसका लंड आठ इंच लम्बा और बेहद मोटा था। मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड तीन इंच लम्बा है आ छोटे भाई का आठ इंच लम्बा। कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है।

मैं बेहद सैक्सी थी और शादी के बाद अमित मेरी प्यास जरा सा भी नहीं बुझा पाये थे इसलिये मैं जतिन के लंड को ध्यान से देखती रही। मुझे जतिन का लंड बेहद अच्छा लग रहा था। उसके लंड को देख कर मेरे दिल में गुदगुदी सी होने लगी। मैंने सोचा काश अमित का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मज़ा आता। मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। अचानक मेरे दिल में खयाल आया कि जतिन को कॉलेज भी जाना है। मैं सोच में पड़ गयी कि उसे कैसे जगाऊँ। वो जागने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा। बहुत देर तक मैं खड़ी-खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही। मैंने दिल ही दिल सोचा, काश जतिन ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मज़ा तो मिल जाता।

मैं जतिन के नज़दीक गयी और कहा, “जतिन, साढ़े नौ बज रहे हैं। उठना नहीं है क्या?” वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एक दम नंगा पाया। वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा।

मैंने कहा, “तुम ऐसे ही सोते हो क्या। तुम्हें शर्म नहीं आती?”

वो बोला, “गहरी नींद में सोने की वजह से अक्सर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है। आज आपने भी मेरा लंड देख ही लिया। अब क्या होगा।“

मैंने कहा, “होगा क्या?”

उसने अपने लंड कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा, “भाभी! ये मुझे बेहद परेशान करता है। अक्सर सुबह को ये खड़ा हो जाता है!”इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरन्त ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा, “तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो!”

वो बोला, “क्या मैं ही अच्छा लग रहा हूँ। क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?”

मैंने कहा, “वो तो बेहद अच्छा है!”

वो बोला, “पसन्द आया आपको?”

मैंने कहा, “हाँ!”

वो बोला, “फिर ठीक है। चाहो तो हाथ लगा कर देख लो!”

मैंने कहा, “कॉलेज नहीं जाना है क्या?”

“जाना तो है। आप इसे हाथ से पकड़ कर देख लो। उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊँगा।”

मेरा दिल तो जतिन से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी। मैंने कहा, “अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ… लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना।”

वो बोला, “बिल्कुल नहीं!”

मैंने कहा, “फिर ठीक है!”

मैं जतिन के बगल में बेड पर बैठ गयी। जोश के मारे मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने जतिन का लंड पकड़ लिया। थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही तो वो बोला, “सहलाओ ना इसे!” मैंने उसके लंड को धीरे-धीरे सहलाना शुरु कर दिया। मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाइटहो गया। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “अब जाओ, नहा लो!”

वो बोला, “और सहलाओ ना।”

मैं उसका लंड सहलाने लगी। वो बोला, “चुदवाओगी?”

मैंने कहा, “नहीं। पागल हो क्या?”

उसने पूछा, “क्यों, मेरा लंड आपको पसन्द नहीं आया?”

मैंने कहा, “लंड तो तुम्हारा… माशा अल्लाह बेहद दिलकश है!”

वो बोला, “फिर चुदवा लोना!”

मैंने कहा, “मैं तुम्हारी भाभी हूँ। मैं तुमसे नहीं चुदवाऊँगी!”

वो बोला, “फिर तो आपको सारी जिन्दगी जवानी का मज़ा नहीं मिल पायेगा!”

मैंने पूछा, “क्यों?”

वो बोला,“भैया का लंड सिर्फ तीन इंच का ही है। मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मज़ा नहीं आयेगा!”

मैंने कहा, “तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?”

वो बोला, “हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एक दम नंगे ही नहाते थे। हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। आप मुझसे चुदवा लो। मैं आपको जवानी का पूरा मज़ा दूंगा!”

मैंने कहा, “तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?”

जतिन बोला, “कुछ नहीं कहेंगे… क्योंकि वो काफी ब्रोड मायंडिड हैं… वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मज़ा नहीं दे सकते!”

मैंने कहा, “अच्छा देखा जायेगा। अब तुम जाओ नहा लो। मैं नाश्ता बनाती हूँ!”

जतिन नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। नहाने के बाद जतिन ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया। उस दिन जब मैं रात में सोने के लिये अपने रूम में गयी तो अमित जाग रहे थे। मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा, “कैसा लगा जतिन का लंड?”

मैंने कहा, “क्या मतलब है तुम्हारा?”

वो बोले, “शादी के पहले मैं ही जतिन को जगाया करता था। अक्सर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखायी देता था। अब तो तुम ही जतिन को जगाती हो। मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक जतिन का लंड देख लिया होगा। इसी लिये मैं पूछ रहा हूँ कि जतिन का लंड तुम्हें पसन्द आया या नहीं!”

मैंने शर्माते हुए कहा, “आज जब मैं जतिन को जगाने गयी थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था। उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है। उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मज़ा मिलेगा!”

वो बोले, “मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मज़ा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है। अगर तुम चाहो तो जतिन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा ले लो और मुझे जरा सा भी एतराज़ नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा। इस तरह घर की बात घर में ही रह जायेगी। किसी को कुछ भी पता नही चलेगा!”

मैंने कहा, “तुम नशे में तो नहीं हो?”

वो बोले, “मैं पूरे होश में हूँ। ऑय लव यू सो मच और मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी ज़िन्दगी जवानी का मज़ा ना ले पाओ। तुम जतिन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा उठाओ!”

मेरा दिल तो पहले से ही जतिन से चुदवाने को हो रहा था। अब तो मुझे अपने हसबैंड से इज़ाज़त भी मिल गयी। मैं बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा, “ठीक है, देखा जायेगा!”

वो बोले, “देखा नहीं जायेगा…तुम उस से कल ही चुदवा लो। कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मज़ा लेना!”

मैंने कहा, “ठीक है। मैं कल जतिन से चुदवाने की कोशिश करूँगी!”

उसके बाद हम सो गये। अगले दिन अमित के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गयी। नहाने के बाद मैंने अंदर कुछ भी नहीं पहना। मैंने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहन ली क्यों कि आज मुझे जतिन से चुदवाना था। उसके बाद मैं ऊँची हील की चप्पल पहन कर जतिन के कमरे में गयी। मेरे दिल में अभी भी उसके लंड का खयाल बार-बार आ रहा था। मैं उसके लंड को बार-बार देखना चाहती थी। मैं उसके रूम में पहुँची तो जतिन सो रहा था। आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे ज़मीनपर पड़ी थी। उसका लंड एक दम खड़ा था। मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टबेल पर रख दी। उसके बाद मैं जतिन के बगल में बैठ गयी और उसके लंड को देखने लगी। धीरे-धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगी। मेरा दिल कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे दिल में खयाल आया कि जतिन क्या सोचेगा। कहीं वो बुरा न मान जाये । मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। जोश के मारे मेरी चूत गीली होने लगी। मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। जतिन फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी। दो मिनट में ही जतिन उठ गया।

उसने मुझे अपना लंड सहालते हुए देखा तो बोला, “लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है!”

मैंने कहा, “कुछ ऐसा ही समझो!”

वो बोला, “फिर आ जाओ।”

इतना कह कर जतिन ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया। मैं जोश में आ चुकी थी इसलिये कुछ भी नहीं बोल पायी। उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग-सी लगने लगी थी। जतिन ने मेरे होंठों को चूमते हुए बोला, “और तेजी से सहलाओ!”

मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी। मैं उसका लंड सहालती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम टाइट हो गया। उसके लंड का सुपाड़ा बेहद मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था। मैंने अपनी अंगुली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरु कर दी तो वो आहें भरते हुए बोला, “ओह भाभी, बहुत मज़ा आ रहा है!”

जतिन जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था। उसने मेरे बदन पर से नाइटी खींच कर फेंक दी तो मैं एक दम नंगी हो गयी। मैंने शरम से अपनी आँखें बन्द कर लीं। उसने मेरे निप्पलोंको मसलना शुरु कर दिया। मैं जोश से पागल सी होने लगी। मेरी चूत और ज्यादा गीली हो गयी। जतिन ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा, “देखो भाभी, आपके सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है!”

मैंने अपनी आँखें खोल दी।

वो बोला, “इसे अपने मुँह में ले लो!” उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया और उसके लंड का सुपाड़ा मेरे मुँह से आ लगा। उसने कहा, “चूसो न इसे!”

मैंने उसके लंड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं काफी देर तक उसके लंड को चूसती रही और वो एक हाथ से मेरा सिर सहालाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे बूब्सको मसलता रहा। थोड़ी देर बाद उसके लंड का रस मेरे मुँह में निकलने लगा। मैंने अभी तक अमित के लंड के रस का स्वाद नहीं लिया था इसलिये मुझे उसके लंड के रस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके लंड का सारा रस निगल गयी।

जतिन बहुत खुश हो गया और बोला, “आज तो मज़ा आ गया। चुदवाओगी?”

मैंने कहा, “नहीं!”

वो बोला, “क्यों। अभी तो कह रही थी कि कुछ ऐसा ही समझ लो! अब कह रही हो, नहीं!”

मैंने कहा, “तुम्हारा बहुत बड़ा है। दर्द बहुत होगा!”

वो बोला, “तो क्या हुआ, मज़ा भी तो आयेगा!”

इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद जतिन ने एक अंगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो मुझे खूब मज़ा आने लगा मैंने भी जोश के मारे अपने चुतड़ उठाने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है।

मैंने शर्माते हुए जतिन से कहा, “अपनी अंगुली बाहर निकाल लो!”

वो बोला, “क्यों… अच्छा नहीं लग रहा है?”

मैंने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चूत से रस छूटने वाला है!”

वो बोला, “ये तो बहुत अच्छी बात है। जैसे मेरे लंड से रस निकला था उसी तरह आपकी चूत से भी रस निकलेगा!”

इतना कह कर जतिन उठा और मेरे उपर सिक्सटी-नाइन की पोज़िशनमें हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी क्लिटपर फिराते हुए मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी। मैंने जतिन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं एक हाथ से जतिन का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो मेरी चूत को और ज्यादा तेज़ी के साथ चाटने लगा। मैं और ज्यादा जोश में आ गयी। मैंने जतिन का लंड तेजी के साथ चूसना शुरु कर दिया। अब तक मैं बिल्कुल बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जतिन मुझे चोद दे। तभी मेरी चूत से कुछ गरम-गरम सा निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जतिन ने मेरी चूत का सारा का सारा रस चाट लिया। जतिन का लंड भी फिर से खडा हो चुका था। मेरी चूत का सारा रस चाट लेने के बाद जतिन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया। उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मोंको मसलते हुए अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी।

थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइटहो गया। तभी उसने एक धक्का लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया था। मुझे लग रहा था कि किसी ने एक लोहे की रॉड मेरी चूत में घुसेड़ दी हो। लेकिन मैंने जतिन को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और जतिन का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी। तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आँसू आ गये। लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया हो।

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