मजबूरी में की वाइफ स्वैपिंग Majboori Mein Ki Wife Swapping

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Majboori Mein Ki Wife Swapping

अब इस चुदाई की कहानी का अगला यानी दूसरा भाग अपने सामने पेश कर रहा हूं, आनंद लीजिए.. मैं और प्रिया हमेशा एक साथ बैठ कर अपने-अपने बच्चों के बारे में बातें करते थे, कि उसे डॉक्टर बनाना है, उसे इंजीनियर बनाना है, उपयोग खेलना जादा पसंद है।

सभी बातों से उसे काफी सुकून मिलता था और वो काफी एक्साइटेड हो जाती थी, ऐसी बातों से ही हम टाइम पास करते थे, विशाल को इन चीज़ों पे बातें करना पसंद नहीं था, जब भी हम ऐसी बातें करते थे वो डोनो उठाकर बाहर चले जाते थे .

प्रिया मुझसे शिकायत करती थी कि देखो चीजों से कोई मतलब नहीं रहता है, तुम कितने अच्छे हो हर कुछ की प्लानिंग पहले से करके चलते हो, मैं बस हिम्मत देते हुए कहता हूं कि तुम भी बहुत समझदार हो, कुछ दिनों के बाद मैंने अपने बेटे और बेटी को हॉस्टल में भेज दिया, मैं चाहता था कि अब ये अपनी जिमेदारी उठाना सीखे क्योंकि आज नहीं तो कल उन्हें उच्च शिक्षा के लिए घर से दूर जाना ही पड़ेगा।

इसलिए मैंने ये फेसला लिया, उनके चले जाने के बाद हमारे जीवन में काफी खालीपन आ गया था, अब मैं उसके बच्चों में जादा ही घुल मिल गया था, जब भी मैं उसके घर जाता तो मैं उनके साथ ही वीडियो-गेम खेलता था या शतरंज खेलता था या उनके साथ बेथ कर टीवी देखता था।

क्या डोरां प्रिया हमेशा मेरे अगल बगल ही रहती थी, वो अक्सर नाइटी में ही रहती थी, वो नाइटी में मुझे बहुत ही सेक्सी लगती थी, उसकी नाइटी बहुत ही मुलायम थी, कई बार मेरा शरीर उसे टच हो जाता था तो मैं बड़ा ही खुश हो जाता था, मैं उसकी नज़र बचा कर कई बार उसकी चुचियाँ और गांड को निहार लेता था।

कभी-कभी जब वो लेती होती थी तो उसके पर नाइटी से बाहर निकल आते थे, मैं उसकी गोरी-गोरी तांगों को देख कर बड़ा ही एक्साइटेड हो जाता था, वो भी अब ज्यादा मुझसे संकोच नहीं करती थी कभी उसके शरीर का कोई हिसा मैं गलती से देख लेता था तो, कभी-कभी मैं उसकी खूबसूरती की तारीफ कर देता था तो वो बस उसके साथ रहती थी, मेरा उसे चोदने का खूब मन करता था लेकिन मेरा एक स्वाभिमान इस्मान अड़े आ जाती थी।

पुष्पा को मॉल में फिल्म देखना पसंद था क्योंकि विशाल के साथ मॉल में ही चली जाती थी और मैं उसके घर में उसके बच्चों के साथ टीवी देखता था, धीरे-धीरे मैं और प्रिया भी एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त बन गए थे, हम अक्सर एक दूसरे से फोन पर बात भी करते थे, बच्चों के जाने के बाद अब हमें किसी का कोई खतरा नहीं रहता था।

मैं पुष्पा को अक्सर चोदना चाहता था लेकिन वो मेरा पूरा साथ नहीं दे पाती थी, एक बार से ज्यादा अब वो मुझसे चुदने के लिए तैयार नहीं होती थी, जबकी मैं 3, 4 बार चोदना चाहता था, खैर मुझे लगा कि हो सकता है कि अब उसकी उम्र बढ़ रही है, इसलिए सेक्स में रुचि पैदा हो रही है या फिर बच्चों को ज्यादा याद आ रही है, पर मेरे अंदर सेक्स करने को लेकर काफी एनर्जी रहती थी।

अब हम ऑफिस में एक दूसरे पे जादा भरोसा करने लगे थे, हमारी अच्छी खासी दोस्ती हो गई थी, कभी वो मेरे काम में मदद कर देता तो कभी मैं उसकी, इधर कुछ दिनों से वो अक्सर ऑफिस टाइम से 1, 1.5 घंटे पहले ही बाहर निकल जाता था और मुझे बोल देता था कि यार जरा मेरा इतना सा काम कर दे, मैं घर जा रहा हूं, कुछ दिनों तक तो मैंने बर्दाश्त किया लेकिन अब तो वो रोज ही जाने लगा।

मैंने तो उससे पूछ ही लिया कि भाई तू जाता कहा है जरा बता मुझे, उसने कहा कि वो अपनी बीवी से सेक्स करने जाता है, “अब्बे तो तू ऑफिस टाइम में क्यों जाता है किसी और टाइम कर लिया कर, रात को कर लिया कर।” ”, “अरे यार क्या बताऊं तुझे, रात को कहती है कि मैं थक गई हूं मुझे परेशान मत करो और दिन मेरे साथ रहते हैं।

तुम तो जानते ही हो कि अब वो छूटे नहीं रहे इसलिए वो उनके घर में रहते हुए कभी नहीं चुदवाती”, मुझे उसकी हालत पे तरस आ रहा था क्योंकि वो सेक्स के लिए काफी परेशान रहता था, खैर मैं अब उससे बात नहीं करती थी उसका काम कर देता था ताकि उसे चुदाई भरपुर मिलती रहे, वो भी अगर मेरे थोड़ी सी ज्यादा मेहनत कर देने से किसी का भला हो रहा हो तो मैं कर देता था।

एक दिन में ऑफिस से काम करके लोटा था और अपने बिस्तर पर पड़े पुष्प के आने का इंतजार कर रहा था, तभी मेरी नज़र बेडशीट पर एक जगह पड़ी, वहां स्पर्म की कुछ बूंदें गिरी हुई थी, सफेद बेडशीट पर हलंकी दाग ​​तो नहीं दिख रहा था लेकिन वहां बेडशीट थोड़ी टाइट हो गई थी।

मेरे मन में थोड़ा शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा क्योंकि मैं जब भी इस्तेमाल करता था तो बेडशीट के ऊपर तौलिया बिछा देता था ताकि बेडशीट गंदी न हो जाए, नहीं तो बाद में वो मुझ पर नाराज़ हो जाती थी कि आज ही बिछिया है और तुमने पहले से गंदा कर दिया, मैं थोड़ा टेंशन में आ गया, लेकिन मैंने अपने आप को समझा लिया कि हो सकता है कि कहीं मुझसे ही ना गिर गया हो, तब तक वो रूम में आ चुकी थी, मैंने ट्यूरेंट यूज़ बाहो में लेकर चोदना शुरू किया किया और फिर हम सो गये।

अगले दिन ऑफिस में भी मेरे मन में यही बात आ रही थी कि कहीं उसका किसी से कोई चक्कर तो नहीं चल रहा है, आखिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसका अकाउंट हैक कर लिया और सारी डिटेल देखने लगा, मैं तो बिल्कुल हैरान रह गया . मुझे देसीसेक्स कहानियाँ लिखने का शौक है, कृपया आप भी लाइक करने का शौक़ डालिए। उसका कोई और नहीं बालक विशाल

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