बच पीएन की मज़बूरी से जवानी में मैं शेर की मशहूर रांड बन गई
मेरा नाम नीलू है और मैं रायपुर के एक कॉलेज में पढ़ती हूं, मेरे घर में मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा हैं..ये कहानी उस समय की है जब मेरी और मेरे भाई की समर वेकेशन चल रही थी..तब मम्मी पापा ने हमें मतलब मुझे और मेरे भाई को जो मुझसे 6 साल छोटा है मुझसे इजाजत दे दी कि तुम लोग अपनी बड़ी बहन काजल के यहां रहने जा रहे हो जिसकी शादी नागपुर में 5 साल पहले हुई थी और वो मेरे जीजाजी सुरेश के साथ अकेले एक छोटे 1बीएचके फ्लैट मैं रहती थी…जीजाजी मेरी चचेरी बहन काजल को मारते थे और दारू भी पीते थे द..पर कुल मिलाकर दीदी उनकी सब बात मानती थी और बहुत प्यार करती थी..और जब उन्हें पता चला कि हम आह कर रहे हैं तो वो खुश थी..फिर हम दोनों नागपुर स्टेशन पहुंचे थो देखा जीजाजी हमें लेने आए थे और उनकी नज़र मेरे पर अटक गई हो जैसे क्यों कि वो हमसे बड़े दिनो बाद मिल रहे थे..मैं एक छोटी सी बच्ची से एक जवान लड़की हो चुकी थी..अनहोने मेरे माथे पर किस किया और गले लगाया… जैसा ही गले लगाया मेरे स्तन टाइट हो गए और मुझे एक सनसनी दौड़ गई…सोनू को भी गले लगाया…फिर हम जैसे तैसे उनके घर फूंके जो बहुत दूर सुनसान जिले में था..काजल दीदी से मिले बहुत खुश हुई फिर हमने बताया कि हम 2 महीने के लिए आए हैं तो वो और भी खुश हो गई..फिर जीजाजी ने कहा चलो तुम लोग फ्रेश हो जाओ थक गए होगे काहा वैसे ही सोनू को जैसी आजादी मिल गई हो वैसे ही उसने कहा में नहीं थका हूं मैं अलग से खेलूं जा रहा हूं और सूटकेस से सम्मान निकालने लगी और जीजाजी काजल दीदी के साथ किचन की तरफ चले गए में कुछ उनके लिए सरप्राइज लाई थी इसलिए चुपके से उनके पीछे गई थो जीजाजी काजल दीदी को पकड़ कर धीरे धीरे कह रहे थे “नीलू थो माल बन गई है…साली थो सही में आधी घरवाली होती है”कहकर हास रहे थे…मैं थो सुनकर पानी-पानी हो गई…और फिर वापस कमरे में चली गई…जीजाजी ने कहा कि कपड़े की दुकान पर नौकरी करते हैं दिन को 2-3 घंटे के लिए घर आ जाते थे, फिर शाम को दुकान चले जाते थे..रात हो गई थी फिर हम सब जब खाना खाते एक साथ आए थे, तो जीजाजी मुझे घूर घूर कर देख रहे थे और दीदी को कह रहे द कि 2 दिनों बाद होली है नीलू को खूब रंग लगाएंगे और सोनू को भी…सोनू सुनकर बोला बहुत मजा आएगा फिर जीजाजी सोनू के साथ प्लानिंग कर रहे थे और में और दीदी के रूम में जा कर बिस्तर लगा रहे थे थो मैंने दीदी को बोला दीदी यहां तो एक ही बेड है हम लोग कैसे सोएंगे…दीदी तपाक से बोली तू जीजाजी के साथ बेड पर सो जाना और में सोनू के साथ नीचे जमीन पर..मैं घबरा कर बोली ना बा ना आप ही सोना जीजाजी के साथ..फिर हम सो गए पर रात भर मुझे नींद नहीं आई एक थो बहुत मच्छर द और पलंग की आवाज आ रही थी..
दूसरे दिन जीजाजी ने कहा दुकान की 6 दिन की छुट्टी है तो हम सब बहुत मजा करेंगे और मेरी तरफ देखने लगे…इतने में मैंने कहा इसी बात पर आज खाने में बनूंगी और दीदी मान गई..फिर जीजाजी और दीदी कुछ कुछ धीरे-धीरे बात कर रहे थे माई चुपके से सुन रही थी क्यों कि रूम किचन के बाजू में था..जीजाजी कहे रहे थे दीदी को कृपया कुछ ऐसा करो कि नीलू मान जाए बहुत मजा आएगा दीदी बोली किसी को मालूम चल जाएगा तो मुसीबत आ जाएगी …जीजाजी बहुत फोर्स कर रहे थे फिर दीदी बोली कोशिश करती हूं बस इतना ही सुना और में खाना बनाने लगी..फिर दिन को हम सब खाना खाने बैठे थे तो जीजाजी मेरे खाने और मेरे तारीफों के फूल बंद रहे थे मैंने दीदी को बोला कि देखो जीजाजी फ्लर्ट कर रहे हैं..दीदी हंसी और बोली साली के ऊपर पूरा हक बनता है…मैं शर्मा गई जैसे तैसे रात हुई फिर जब हम सोने जा रहे थे जीजाजी बोले नीलू कल नींद तो आई थी ना…मैंने भी छेड़ते हुए कहा आप की वजह से नई आई..जीजाजी बोले पता है छोटा सा कमरा है और तुम कल नीचे सोई थी पर कोई बात नहीं आज में नीचे सो जाता हूं..सुनते ही सोनू बोला में अकेले नीचे सो जाता हूं आप तीनो अपर पलंग पर सो जाओ..सुनते ही में मन करने लगी इतने में काजल दीदी एक बहुत ही सेक्सी डीप नेक कट स्लीव्स वाला शॉर्ट गाउन पहन कर आई और मुझे बोली तू ऊपर नहीं सोएगी थो मैं सोनू के साथ नीचे सो जाऊंगी..सुनकर मैं मान गई..मैंने भी एक ढीला ढाला गाउन फ्रंट ओपन वाला फेना हुआ था पलंग एक बाजो जीजाजी एक बाजो में और बीच में दीदी सोई हुई थी..सुबह जब में उठो सब सो रहे थे और देख कर हेरन रह गई मेरे गाउन के सारे बटन घुले हुए थे और मेरी ब्रा पैंटी साफ दिख रही थी और दीदी का भी गाउन उतारा हुआ था मेरी आंखें दीदी के स्तन पर गई जो कि काफी बड़े थे पर मुझसे कम और पेट पर बाली फेनी हुई थी और चूत गिली थी बिस्तार भी जिससे कुछ महक आ रही थी जीजाजी उसकी तरफ मुंह कर के सोए हुए थे में बहुत घबरा कर जल्दी से उठी गाउन ठीक ठाक किया और कॉमन टॉयलेट में जा कर जोर जोर से फ्लश की आवाज करने लगी ताकि सब जग जाए और ऐसा ही हुआ… जीजाजी घर पर ही थे क्योंकि कल होली थी दीदी बोली हम लोग आज कुछ स्पेशल बनाते हैं कहकर सुबह से हम किचन में थे…बाटन ही बैटन दीदी ने मुझसे फुचा की तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है मैंने इंकार कर दिया फिर मैंने भी दीदी को छेड़े हुए बोल ही डाला कल रात को क्या किया आपने और जीजाजी ने हंसते हुए कहा… और अपने पेट पर पियर्सिंग कहा से बहुत अच्छी लग रही थी। ..दीदी हंसी और बोली तूने कल सब कुछ देख लिया क्या…मैंने कहा क्या..फिर दीदी बोली ये तो कोई भी रात नहीं छोड़ती है और आज ये कहकर गई है कि देर हो जाएगी क्योंकि दारू पी कर आएगी कल होली है ना इसलिए..और भेदी मुझे तेरे जीजाजी ने ही कहा है उनके पास एक मशीन है उसे…और बोली तुझे करणी है क्या तुम इनको बोल दूंगी..मैंने इंकार कर दिया…फिर मैंने हिचकिचाते हुए पूछा दीदी आप रोज सेक्स करती हो…दीदी बोली इसमें इतने शरमाने वाली क्या बात है..इनका लंड ही इतना बड़ा सुडोल और मस्त है की रहा नहीं जाता..दीदी ने चांस मरते हुए कहा, तुझे भी सेक्स करना है क्या…दीदी बोली तेरे स्तन तो मेरे से भी बड़े हैं चिमटी कटे हुए कहा और मैं भाग गई वहां से…फिर दिन भर मुझे कुछ कुछ हो रहा था एक अजीब सी खुजली हो रही थी चूत भी दिन भर गिली थी और मैं दीदी की बात सोच कर जा रही थी…फिर ऐसे ही दिन गुजर गया..रात को दीदी ने बिस्तर लगा दिए और हमने अपना गाउन भी पहन लिया..सोनू भी इतना गया था दीदी और मैं बात कर रहे थे, दीदी बोल रही थी देखना ये पी कर आएंगे और इनका सब काम मुझे करना पड़ेगा। ..
इतने में बेल बाजी जीजाजी आए और मुझसे बोले सॉरी यार कल होली है इसलिए दोस्तों ने जबरदस्त पिला दी है कल बात करते हैं हैप्पी होली कह कर बिस्तार पर थाम से गिर पड़े में धर गई..फिर दीदी बोली देख ना ऐसा ही करते हैं दीदी जूट और मोजे उतार रही थी झुक कर थो साफ दीदी के स्तन लटकते हुए नजर आ रहे थे अनहोन जीजाजी की शर्ट निकल दी फिर बेल्ट निकालने लगी थो बड़ी मुश्किल से हिला हिला कर निकली फिर पैंट के हुक्स खोली और उतरने की खोसिश कर रही थी फिर मुझे बोली थोड़ी मदद कर नीलू इनकी पैंट नहीं उतार रही है मैंने मदद की और उतार दी अब जीजाजी सिर्फ अंडरवियर में जिसे देख जा रही थी और सोच रही थी कि दीदी अब अंडरवियर ना उतारें काहे जीजाजी के बदन से मेरी आंखें नहीं हट रही थी क्या मस्कुलर बॉडी थी सीना चोदा साफ छाती और अंडरवियर के अंदर कोई बहुत बड़ी सी चीज जो भर आने के लिए बेताब हो अचानक से दीदी ने मुझे देख लिया कि माई जीजाजी के लंड की तरफ देख रही हूं और मुझे कहा ये वो ही साबुन है जो रोज मुझे डरता है..तुहजे देखना है थो बता में कुछ नहीं बोल पा रही थी कुछ समझ नहीं आहा रहा था क्या बोलो बस देखे जा रही थी इतने में ही देख लिया, दीदी ने अंडरवियर खींच दिया और लंड बाहर निकाल कर सलहलेन लगी में देखकर मुस्कुरा रही थी और डर लग रहा था कि जीजाजी उठ ना जाए…दीदी बोली देख इन्हें कितना मज़ा आह रहा है..मैं तो बस देखके ही जा रही थी इतना बड़ा मोटा था कि बस पूरी चूत गिली हो रही थी…फिर दीदी बोली इस सांप को पकड़ कर देख कितना मजा आता है और मेरा हाथ खींच कर लंड पर रख दिया और बोली ऊपर नीचे कर देख कितना मजा आएगा मैंने जैसे ही हाथ रखा वो इतना गरम था और इतना मोटा लांबा की मेरे शुद्ध बदन में सनसनी सी दौड़ रही थी फिर जीजाजी ने थोड़ा मुंह से आवाज दी कि मैंने हाथ हटा दिया और सो गई.. फिर दीदी ने लाइट बंद की मेरे बाजू में सोते हुए मेरे स्तनों को पकड़ कर बोली क्यों नीलू साबुन को देखें से इतनी घबरा रही हो कि ठंड के मारे तुम्हारी कपकपी छूट रही है, काट लेता था क्या होता…हँस पड़ी फिर सो गई..मैं रात भर सो नहीं पाई मेरे दिमाग में अजीब अजीब ख़याल आ रहे थे और लंड के नंगे में सोच राही थी…फिर अचानक से नींद खुली थो जीजाजी पूरे नंगे मेरे बाजू में सोए थे दीदी बीच में नहीं थी और मेरे नाइटी के बटन भी खुले हुए थे जीजाजी मु मु मु कर रहे थे और अचानक से मेरे स्तन नींद में पकड़ लिए और दबा रहे थे बहुत ताकत हाथ में मसल मसल कर लाल कर दिए और मुझे भी मजा आ रहा था फिर मैंने सोचा ये मेरे जीजाजी हैं कैसी कर सकती हूं और दीदी के आने की आहट से मैं घबरा के चूमा कर उठ गई और भर हॉल में आह गई… फिर दीदी हॉल में आई और बोली हैप्पी होली आज बहुत मजा आएगा… फिर होली वाले दिन में बहुत घबराई हुई थी कि जीजाजी उठ गए थे मगर में उनसे नजरें चुरा रही थी और दीदी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और सोनू थो सुबह से ही रंग के गुबारे और अपनी पिकरी के साथ व्यस्त था वाहा दीदी जीजाजी कुछ धीरे कह रही थी शायद कल रात वाली बात के नंगे में फिर से दीदी हॉल में आह कर बोली जल्दी से पुराने कपड़े पहन ले वरना कोई भी रंग ना लगा दे और फिर होली खेलकर हम सब खाना खाएंगे आज मैंने चिकन लॉलीपॉप बनाया है…इतने में जीजाजी बोले लॉलीपॉप काया नहीं चूसा जाता है…थो सब हंसने लगे और मैं कमरे में भाग गई …
पुराने कपड़े मेरे पास नहीं थे तो दीदी को बोला कि उनके पास पुराने कपड़े हैं क्या दीदी बोली है उनको एक रेड टॉप दिया जो बहुत टाइट था और स्कर्ट दी जो घुटनों तक थी फिर बोली ये मेरे हनीमून में इनहोन गिफ्ट दिया था टैब में बहुत स्लिम थी और मैंने उसे फीन लिया और मिरर में देखा, मेरे स्तन बहुत बड़े नजर आ रहे थे कमर एक दिन स्लिम और गांड पीछे से निकली हुई थी मुझे बहुत शर्म आ रही थी टॉप इतना टाइट था कि मेरे निपल्स साफ नजर आ रहे थे बड़ी मोटी मोती लग रही थी जीजाजी ने जैसे ही मुझे देखा बोले नीलू क्या सेक्सी दिख रही हो मुझे अपने हनीमून की याद आ गई फिर दीदी बोली बस एक अंतर है मेरे उबर थोड़े छोटे थे इसके काफी बड़े हैं और मैं नीचे मुंह करके किचन में चली गई…वाह जीजाजी दीदी से कह रहे थे आज मेरा भी काम बनवा दो प्लीज इतने में सोनू पूरा रंग डलवा के आया और बोला किसी ने रंग के ड्रम में डाल दिया में उसे नहीं छोड़ूंगा फिर उसने एक बाल्टी में बहुत गाढ़ा रंग बनाया और सब रंग डाल कर जा रहा था तो जीजाजी ने कहा बस हो गई होली कहीं नहीं जाएगी मगर वो सुने वाला कहा था… जीजाजी धमाके हुए उसे बोले जा कर नहा ले और नीलू रंग उतारने में उसकी मदद कर दो..सोनू बोला में कर लूंगा जीजाजी गुस्से में उससे बोले चल जल्दी से अपने कपड़े उतार नहीं तो नैनन(लंड) काट देंगे इतने में सोनू बाथरूम में जा कर अपने सारे कपड़े उतार कर खड़ा था जीजाजी बोले नीलू साफ करने में मदद करो और मैंने उसका लंड कभी नहीं देखा था, वाह भी ठीक ठाक था और मैं जीजाजी के लंड के साथ तुलना कर रही थी मान ही मन में..फिर रंग उतरने में बिजी हो गई…नीचे बेथ कर उसके पेट पर सबुन लगा रही थी तो सोनू का लंड मुँह से टच हो रहा था..जीजाजी पीछे खड़े थे बोले अब सब जगह से रंग उतर गया है उनको कहा नैनन (लंड) पर साबुन लगो और ऊपर नीचे कर के रगड़ो थो सोनू बोला में खुद ही कर लूंगा फिर जीजाजी धमाका हुए बोले केंची से काट दूंगा तेरी इस नैनन को चल लगवा साबुन और मैं साफ कर रही थी ना जाने कब जीजाजी जो सोनू ने रंग भरी बाल्टी बनाई थी पीछे से मेरे ऊपर डाल दी और बोले हैप्पी होली… मैं ठंड में कप कप रही थी पूरी भीगी हुई थी स्कर्ट और टॉप चिपक गई और मेरे उबर तन गई गांड साफ नजर आह राही थी सोनू वाह मजा आ रहा था दीदी आह गई और अनहोनी और रंग लगाया और जीजाजी को भी रंग लगाया, हम फ्लैट के बरांडे में आह गए और सोनू नीचे चला गया और जीजाजी दीदी को बोले पकार्डो नीलू को आज इसमें रंग लगता हूं कहकर मुझे कमर पर फिर अपना हाट आगे बढ़ते हुए मेरे टॉप के अंदर बूब्ज़ को ज़ोर ज़ोर से दबाया मैं चिल्ला रही थी पर वो दोनो हास रहे आजो बाजू 3 फ्लोर तक कोई नहीं था और जीजाजी ने मेरे जांगून पर बगीचे पर और सब जगह लगायी… मैं गुस्सा हो कर अंदर रूम वाले टॉयलेट में अपने आप को बंद कर दिया.. .फिर दीदी आई और बोली पगली है क्या कोई ऐसे रोता है क्या रंग लगाने से जीजाजी ही थी अब चल खोल जीजाजी नहीं हैं कमरे में फिर से थोड़ा सा दरवाजा खोला डर के मारे दीदी से बहुत नाराज़ हुई और बोली जीजाजी ने मेरे स्तनों पर इतने जोर से नाखून लगाए हैं कि बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है ऐसा कोई करता है क्या…फिर काजल दीदी बोली चल में तेरा रंग उतार देती हूं कह कर मेरी स्कर्ट उतारने लगी थो में बोली में कर लुंगी थो बोली तू मेरा रंग उतार और में तेरा में बोली मुझे शर्म आती है थो बोली में तेरी बहन हूं और तूने तो मेरा सब कुछ देख ही लिया है और मैंने भी देखा है शरमाने की क्या बात है..
फिर में मान गई और स्कर्ट टॉप उतार दिया, दीदी भी ब्रा पैंटी में थी दरवाजा खुला था क्यों की छोटा था बाथरूम अचानक से जीजाजी रूम में आह गई और बोले मेरा भी रंग उतारो भाई… कहकर रूम का दरवाजा लॉक कर दिया और अपने कपड़े उतरने लगे और टॉयलेट में आह हो गई में हेरन हो गई मैं दीदी से बोली ये सब ठीक नहीं है हमें जाना है.. दीदी ने कहा साली तू शर्मीले बहुत है आज ये तेरी शर्म उतारनी पड़ेगी और तेरे भाई की भी और जीजाजी से बोली आप हाय समझे इसे और दीदी बोली चल उतार फेंक दोनों कपड़ो को जल्दी से कहकर ब्रा खीच कर फाड़ दी और जीजाजी अंदर आहकर मुझे पीछे से पकड़ लिया में कस्मते रह रही थी पर कोई नहीं था दीदी आगे से हाथ पकड़ लिया था जीजाजी पूरे नंगे हो गए थे और उनका लंड मेरे गांड में चिपक रहा था मेरे मम्मों को दबाए जा रहे और दीदी सबुन से मेरे पैरों पर जांगों पर और शुद्ध बदन पर लगे जा रही थी जीजाजी मेरे पूरे बदन को सलाह रहे थे मानो हारून बिजिलन दौड़ रही थी बहुत अच्छा लग रहा था मन करने का मन नहीं कर रहा था दीदी मेरी पैंटी को नीचे गिरा चुकी थी और अपनी एक उंगली को मेरी चूत पर बार-बार रगड़ रही थी और सबुन लग रही थी फिर अंदर बाहर तेजी से अपनी उंगली करने लगी और जीजाजी ने इतने जोर से पकड़ा था कि चटपटा रही थी और दीदी से कह रही थी और करो आआह आह आह आअह्ह्ह्ह ह्म्म्म्माआह्ह्ह्ह सीईई ओह ऊऊऊऊऊऊह हाआआआ कर जा रही थी फिर। जीजाजी सामने आए और मुझे जोर से गले लगाया मम्मों को जोर जोर से दबाए जा रहे थे चूची चूस जा रहे थे और एक हाथ से अपनी उंगली अंदर भर कर रहे थे मैंने उनका लंड देखा और बोला जीजाजी कितना बड़ा हो गया है ये और मजबूत लंड की न्युसे भी दिखाया दे राही थी फिर दीदी ने कहा नीचे पति में भेट जा में भेटी थो बोली तंग फेला मैंने वैसे ही किया फिर दीदी ने एक उंगली गांड में और एक चुद में डालना शुरू किया और में जिजाजिबका लंड पकड़ कर सहला रही थी और फिर उन्हें मुझे कहा चूसो इसे फिर से जोर जोर से लंड की टोपी मुंह में अंदर बाहर कर रही थी और दीदी उतनी ही तेजी से उंगली कर रही थी… जीजाजी झटके झटके से मुंह में लंड दबा दबा कर अंदर बाहर कर रहे थे और आआहाहाहाहाहाहा कर रहे थे फिर अनहोनी मुझे वह देता दिया और मैंने बोला जीजाजी बहुत मोटा है पर दीदी ने ऊपर से हाथ पकड़ लिया था और बोली जीजाजी को सुरेश साली के अंदर एक बार में जाना चाहिए और वो जोश जोश में मेरे अंदर इतने ज़ोर से डाला कि मेरी गाल निकल गई आंसन आह गई में चिकई फट गई फट गई दीदी मेरे स्तनों को निपल्स को नोंच जा रही थी और जीजाजी अंदर से बाहर निकालते रहे, मैं चिलाते रही फिर पाव और फेला दिया और जोर जोर से झटके दे दे कर डाले जा रहे थे उइइइइइमाआआआआ उइइइम्माआआआआआआआआआआआआआआआ आवाज की जा रही थी और ज़ोर से केह। जा रही थी फिर कुछ नहीं सुनी फिर दीदी ने कुछ इशारा किया जीजाजी ने मुझे पीछे पलटया, दीदी ने सबुन उनके लंड पर लगा दिया और मेरी गांड पर रख दिया.. मैं बोली दीदी नहीं जाएगी पीछे नहीं जितना करना है आगे ही कर लो प्लज़्ज़ में आपका लंड और चूस देती हूं मगर जीजाजी ने एक नई सुनी और बोले उठ निकल गया फुंछ रह गई है बस धीरे-धीरे डालूंगा कहकर दीदी ने मुझे बुलाया और जीजाजी को अंक मारी जीजाजी ने ऐसा झटका मारा कि लंड मेरे गांड में धुस्ता चला गया और मैं इतने जोर जोर से चिल्ला रही थी कोई सुन नहीं रहा था और दीदी हासे जा रही थी झटके पर झटके के बाद मारे जा रहे थे आधी रात से हो गई थी फिर जीजाजी जब झड़ गए तो उनका पूरा लिक्विड मेरे अंदर चला गया और मुझे इतना जल रहा था कि क्या बताओ…दीदी ने मुझे नहलाया और बिस्तर पर सुला दिया में चल भी नहीं पा रही थी बहुत दर्द हो रहा था…फिर आगे क्या हुआ अगली कहानी में बताऊंगी…
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