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दीदी और मैं 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे, मैं उनके और वह मेरे होंठ चूस रही थी। इसके बाद दीदी ने कहा रुचि इतना मज़ा तो कभी नहीं आया, सच में लड़कियाँ आपस में भी मज़े कर सकती हैं। मैंने कहा दीदी अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है। फिर मैंने उनकी नाइटी में हाथ डाल दिया और उनके बूब्स छूने लगी। उन्होंने अपने हाथ ऊपर किए और मैंने झट से उनकी नाइटी उतार दी। उनके गोल गोल कसे हुए गोरे बूब्स पर ब्राउन निप्पल्स देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाई और उनके बूब्स हाथ मे पकड़ कर दबाने और चूसने लगी, दीदी के मुँह से सिसकारी निकल रही थी।
मैंने 5 मिनट तक उनके बूब्स चूसे, फिर अपना टॉप भी उतार दिया और उनके हाथ अपने बूब्स पर रखे, वह मेरा इशारा समझ गई और मेरे बूब्स को हाथ मे लेकर सहलाते हुए चूसने लगी। आज इतने दिनों बाद अपने बूब्स चुसवा कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। इसके बाद हम दोनों अपने बूब्स एक दूसरे के बूब्स पर रगड़ने लगे, दीदी को भी इसमें खूब मजा आ रहा था। उन्होंने कहा रुचि तेरे बूब्स तो मुझसे भी बड़े हैं। मैंने कहा कोई बात नहीं दीदी कुछ ही दिन में आपके भी इतने बड़े कर दूँगी।
थोड़ी देर तक हम बूब्स रगड़ते हुए एक दूसरे को किस करते रहे और फिर मैंने दीदी से कहा क्यों ना अब हम दोनों पूरी नंगी हो जाएं, दीदी ने हामी भरी और हम दोनों अब पूरे नंगी होकर एक दूसरे से चिपक कर किस कर रही थीं। फिर मैंने दीदी की रेशमी बालों वाली चूत पर अपनी उंगली रखी और छोटी उंगली अंदर डाल दी, दीदी के मुँह से आह निकली, अब मैं अपनी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगी और उन्हें मज़ा आने लगा। मैंने कहा दीदी आओ दोनों आमने सामने बैठते हैं आप मेरी भी चूत में ऐसे ही करो ना, वह तैयार हो गयी और फिर हम दोनों एक दूसरे की चूत में उंगली करने लगे।
अब मैंने कहा दीदी अब आप मेरी चूत अपनी जीभ से चाटोगी? मैं भी आपकी चाटूँगी। दीदी ने कहा छी!! ये क्या बोल रही है तू कितना गन्दा लगेगा, मैंने दीदी की चूत पर किस किया और अपनी जीभ उनकी चूत पर फिराने लगी। वह मदहोश होने लगी तभी मैंने चाटना बंद कर दिया। उन्होंने कहा रुक क्यों गई, मैंने कहा आप मेरे साथ भी ऐसा करोगी तभी मैं करूँगी। उनकी चूत में आग लगी थी अब वह मेरी चूत चाटने को तैयार हो गई। मैने उन्हें 69 पोज़ में आने को कहा ताकि दोनों एक दूसरे की चूत चाट सकें। वह 69 पोज़ में आ गई और हम दोनों एक दूसरे की चूत चाटने लगे, मुझे और दीदी दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं दीदी के ऊपर थी और वह मेरे नीचे। काफी देर तक हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की चूत गीली करते रहे और फिर दीदी ने कहा मेरा पानी निकलने वाला है, मैंने कहा दीदी अब ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत में उंगली करो मैं भी आपकी चूत में उंगली करके पानी निकालती हूँ।अब हम दोनों एक दूसरे की चूत चाटते हुए उंगली भी करने लगे, पहले दीदी की चूत ने पानी छोड़ा और फिर मैं भी झड़ गई।
इसके बाद हम दोनों पूरी रात एक ही कम्बल में चिपक कर सोए। उस दिन के बाद से जब भी हम दोनों का मन होता है अपनी अन्तर्वासना को आपस मे ही शांत कर लेते हैं और हमारा रिश्ता भी पहले से गहरा हो चुका है।