मौसी की लड़की और जीजाजी की ठुकाई

मौसी की लड़की और जीजाजी की ठुकाई

aantee kee chudaee, deedee kee chudaee, bahan kee chudaee, rishton mein chudaee

हेलो दोस्तों मेरा नाम राधव है मैं बनारस का रहने वाला हूं और फिलाहल मुंबई मैं रहता हूं | मुझे लड़कियों की चूत और गांड बहुत पसंद है| मैं 28 साल का युवक हूं वैसे मैं बहुत शर्मिला किस्मत का हूं लेकिन बेस्ट पर मैं हवा से कम नहीं| आज की डेट तक मैं कई लड़कियों और भाभियों की चूत और गांड मारी हैं |

लेकिन इसके पीछे भी कुछ वजह है मैं शुरू मैं बहुत शर्मीला और अपने मैं रहता था | मैं वो चुदाई की कहानी सुनाता हूं जिसके कारण से मैं थक गया हूं और सिर्फ चूत गांड चाटने को मन बनाता है | बात उस समय के है जब मैं 12 क्लास में था मेरा लैंड कहीं भी खड़ा हो जाता था इसलिए मैं हर दूसरे तीसरे दिन मुठ मारता रहता था लेकिन मुझे एक चीज बहुत पसंद थी वो थे वो आखिर लड़कियों के तांग के बीच में क्या होता है और कैसा दिखता है उनका चूची कैसे होते हैं उसमेन हद्दिया होते हैं की नहीं|

इसी चक्कर में मैं अपने दीदी जब नहाते थे तो मैं झुक के फाटक के नीचे से देखने के लिए कोशिश कर रहा था लेकिन कुछ देखता नहीं था क्योंकि मारे दीदी की चूत के बाल बहुत घने थे | जब वो कहते चले जाते थे तो उसकी पेंटी ब्रा सुनता था और ताकिया को पेंटी पहने के चुदाई कराता था| मेरे आदमी में अपने दीदी को लेकर कभी गलत इरादे नहीं थे लेकिन मैं हिलाने के लिए झूठ कुछ भी कर सकता था | शायद मैंने झूठ बोला है आपको अपने दीदी के बारे में नहीं बताया | मुझे आज भी सेक्स पसंद है लेकिन रिस्तो से दूर और आपकी सहमती से ही

| आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं | दिन बीत गए और मुख्य ग्रेजुएशन मुख्य प्रशासन हुआ फिर मैंने ब्लू फ़्लिम देखे | मुखे सेक्स का भूखा चढ़ने लगा हमेशा मैं अब दीदी को ड्रेस बदलना चाहता था वो मुताती कैसे है देखना चाहता था |मुझपे ​​सुरूर ऐसा चढ़ा था कि मैं जब दीदी ड्रेस चेन्ज करने जाता था तभी तो चारपाई के नीचे पहले से छुप जाता था और छूट के दर्शन करना चाहता था और वही हिला लेता था| इसके बीच मेरे किरायदार चेन्ज हो गए और कुछ महीनो बाद नई किरायदार आए | उनके अभी दो साल पहले शादी हुए थे कोई बच्चा नहीं था | बहुत बहुत सेक्सी थे मेरे आकर्षण उनकी तरफ होने लगा धीरे-धीरे मैं उनका छूत दर्शन कैसे होगा सोने लगा | मुख्य छत पर से उनकी पेंटी चुरा लेता था और सुनता था कभी कभी पहन के हिलाता भी लेता था | मैं उनाकी करीब 6 से ज्यादा पेंटी चुराई थी | एक दिन जब मेरे घर में कोई नहीं था मम्मी दीदी, बुआ के घर शादी पे गई थी और मेरा एग्ज़ाम नज़दीक होने के कारण मुझे घर पर रुकना पड़ा और मम्मी ने आंटी से बोल दिया देखने के झूठ |

मुजे तो आन्ति की छुट देखीं थे तो मैं खुश थी | अगले दिन सुबह जब आन्ति दूध लेन गई थी तब मैं ऊपर जा के उनाकी बथरूम जो सीधीयों से थे चाकू से छेड़ बना दिया और इंतज़ार करने लगा | आन्ति आई और मुझे खाना दिया और खुद नहाने चली गई | मुख्य भी थोड़े देर बाद पीछे-पीछे चल दिया और डरावाजे से झकाने लगा वाह नजारा आज भी नहीं भूल सकता हूं एकादम छोटे छोटे बाल और उसके बीच में छूट |आंटी तभी डरावाजे के तरफ हुए और खड़े खड़े मुत्ताना शुरू कर दे | मैं एकदम गरम हो गया ऐसा लग रहा था कि भूखा हो गया है नीचे आकर दीदी की पेंटी निकली और तीन बार मुथ मारा |शाम को उसके हस्बैंद आए मुझे थोड़ी खलाबली मचाने लगी

| क्योंकि अंकल कुछ दिन बाद आये थे तो चुदाई तो होगी ही| आनती कैसे चुड़ेंगी क्या वो जमीन चुनेगी | ये प्रश्न मुझे परेशान कर रहा था शाम भर यहीं सोंचता रहा क्या करूं क्या करूं कैसे चुदाई देखूं | रात हुई आन्ती नॉर्मली लेट ओफ़ कर के सोती है लेकिन उस दिन लेट जल रहा था मैं झकने की कोशिश सुनाने की कोशिश की लेकिन सब नाकाम रहा | अंत में मैं अपने आप को समझाता हूं कि कल तो छूटेगा ना और कल कुछ और कर लेना चुदाई देखने के झूठ|

सुबह हुआ और उसका पति काम पर चला गया | आनती मुझसे बात की और खाना खिलाई | मुख्य इंतज़ार करने लगा की कब छूट रानी को देखने को मिलेगा | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं | जैसे ही वो नहाने गई मैं जल्दी से डरावेज़ से झकने लगा| लेकिन मेरी किस्मत ख़राब निकली आनती ने झट से दरवाजा खोल दिया | और मैं वहां खड़ा मिला | मुख्य भगाने लगा लेकिन आनती ने मेरे बाल पकड़ के चार थप्पड़ मारा, मैं बहुत डर गया था सर से ले के पांव तक कांप रहा था | आखिरी मुझे रूम में ले गई और नीचे बैठा के पूछे बोले ये सब कबसे चल रहा है तेरे मन से बोलो आवारा साले| वो मेरा बाल पढ़ते हुए आला मेरे कमरे में ले गई और कुछ ढूंढने लगी आलमारी में| मैं सारा झुका के बैठा था तभी वो मेरी तरफ आई और बोले ये क्या है उनके हाथ में उनकी पेंटी थे जो मैंने छोरे की थे| मादरचोद बहनचोद मेरे पेंटी चुराता है रुक तेरी गांड मारते हैं हम |

मुझे तो सु आ ने लगी डर के मारे |मैं उनका जोड़ा पड़ गया और भीख मांगने लगा लेकिन वो लात से मारना शुरू कर दे | उसने बोला बता सब कुछ सही नहीं तो पुलिस में कम्पलेन करूंगी | मैंने सब कुछ बता दिया | मैंने ये भी बता दिया कि सिर्फ देखने में कोशिश करता था और कुछ नहीं | देखना है ना तुझे अब चल, वो मुझे बाथरुम ले गई और बैठा दी और अपने सलवार उतार दी मैंने कहा ये क्या आप मत करिए प्लीज ये गलत है | लेकिन वो एक नहीं मानी, उसने धमाका किए कहा हां तो पुलिस हां तो ये, मैं भी मान गया मुझे भी तो चोट मारने का पहला मौका मिला था तो ठीक है मैंने कह दिया | लेकिन वो मादरचोद रंडी साली कुछ और चाहती थी उसने अपना अपना छूट मेरे मुँह पर ला दिया मुझे लगा चाटना है लेकिन देखते ही देखते वो मूटना शुरू कर दे | उसने बाल से ले कर मुँह और शुद्ध शरीर पर मूत दिया | मुझे गुस्सा होने के बजाय अजीब सा लग रहा था | मूत ख़तम होते हो वो बोले चाट मारे चूत को | मैने चाटना शुरू कर दिया | थोड़े देर बाद वो बोले नहा के नंगे रूम पे आ |

मैं खुश हूं, मुझे लगा अब साली को मेरे लंड की याद आ गई | मैं नंगे ही उसके कमरे में गया मेरा लंड तन के सात इंच हो गया इतना तन गया की दर्द होने लगा | मैं उसके बगल में जाके बैठ गया | इताने में वो और तमतम गई और बोले साले मादरचोद आला बैथ | मैं चुप चाप बैठ गया | वो सिक की झाड़ू से एक तलाश निकले और बोले खड़े हो कमीने | मुख्य जैसा ही खड़ा हुआ वो मुझे सिक से गांड पर मारना शुरू कर दे | मुख्य दर्द से करने लगा और मेरा लंड छोटा हो गया | उसने बोला क्यों रे लंड अब खड़ा नहीं करेगा, ले मेरी चूत देख साले मादरचोद पेंटी चुराता है झक के देखता है रंदा दोगला | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं | आज तेरा गांड मारूंगी | मैं दर्द से चुप खड़ा था | फिर वो चीर पे बैठ गई और बोले चूत चाट लेकिन खड़ा हुआ तो फिर मारूंगी और चूतडो को लाल कर दूंगी | मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूं बस जो कह रही थी वो कर रहा था |

मैं चूत चाटना शुरू कर दिया थोड़ी देर में मेरा फिर खड़ा होने लगा | वो बोले साले मानेगा नहीं रुक और मुझे पीना शुरू कर दिया मैं एकादाम परेशान हो गया | थोड़े देर बाद वो बोली अपना मुंह खोल मुझे टॉयलेट करना है | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं | उसने मेरे मुँह में टॉयलेट कर दिया | मैं थूक के जब आया तो वो बोले चल आब गांड चाट, मैं आना काने लगा तो वो बोले चल भी अपने हाथ से मेरा गांड साबुन से धो ले लेकिन चाटेगा तो भी ही | मैंने उसकी गांड साबुन से साफ किया और फिर चाटना शुरू किया करीब आधे घंटे तब मैंने उसकी गांड को जीभ से चाटा शायद मुझे अच्छा लगने लगा था | इसके बाद उसने मुझसे कहा आज के झूठ इतना ठीक है |

जब मैं बुलाओ आ जाना | मैं ठीक है काह के चला गया | नीचे जा के कुछ देर बाद मैं हिलाया और सो गया |इस तरह अगले 10 दिन तक तो उसने मुझपर खूब पेश किया और पिलाया,चूत गांड चटवायी| फिर जब मम्मी और दीदी आ गयी तो वो मुझे कम दर्द दे पाती थी पर जब भी मौका मिला जरूर करवाती थी | कभी-कभी वो सोई रहती थी जब मैं उसके दर्द पे साड़ी उठा के गांड मालिश और चाटना शुरू कर देता था | लेकिन मुझे चुदाई नहीं करने दी |

इसके बीच मैंने अपनी दीदी की गांड देखना शुरू कर दिया |मैंने रात में एक बार उसकी चूत में उंगली डालते देखा था वो खूब मजे ले रही थी थे मैं खिड़की के ऊपर चढ़ के लंड हिला रहा था | मैंने मौसी के लड़के और जीजाजी के ठुकाई भी देखी और खूब हिलाया | क्या तार एक साल हो गया | मेरा ग्रेजुएशन ख़तम हो गया | सबके करण मेरा लड़कियाँ और औरतों को देखने का नजरिया बदल गया | दोस्तों ये मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताना |

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